2020-10-30

बीमा क्या है, कितने प्रकार की होती है और उसके फायदे

 इस जिंदगी में कल क्या होगा किसी को नहीं पता। ऐसे में हमारे भविष्य कि रक्षा करने के लिए तथा हमपर आने वाली आर्थिक संकटों से मुक्त करने के लिए बहुत सारे इंश्योरेंस कंपनियां स्थापित की गई हैं। उससे पहले ये जरूर जानना चाहिए कि आखिर यह इंश्योरेंस होता क्या है?- इंश्योरेंस का सरल मतलब जोखिम से सुरक्षा करना होता है। इसे बीमा भी कहते है। आपने अक्सर सुना होगा स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा, घर का बीमा, वाहन बीमा, फसल बीमा इत्यादि ये सब मुख्य बीमा के उदाहरण हैं।


बीमा क्या है, कितने प्रकार की होती है और उसके फायदे
वाहन बीमा, गृह बीमा और जीवन बीमा

बीमा क्या है?


संभव है कि आपको कभी न कभी भविष्य में किसी भारी नुकसान से सामना हो। अगर आपने अपना बीमा करवा रखा है तो ये बीमा आने वाले नुकसान की आशंका से निपटने में आपकी मदद करेगा। दरअसल हमें नहीं पता होता कि कल क्या होगा, इसलिए हम बीमा पॉलिसी करवाते हैं। जिसके जरिये हम भविष्य में संभावित नुकसान की भरपाई की कोशिश करते हैं। मान लीजिए सोहन लाल जी ने स्वास्थ्य बीमा करवा रखा है और एक दिन उनकी तबीयत अचानक से खराब हो गई जिसमे इलाज में उन्हें बहुत रुपए कि जरूरत हुई। ऐसे में सोहन लाल जी की इलाज कि रकम वो इंश्योरेंस कंपनी देगी जिससे उन्होंने बीमा करवा रखा था। अर्थात यदि बीमा कंपनी किसी व्यक्ति का बीमा करती है तो उस व्यक्ति को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई करना बीमा कंपनी का काम होता है।


एक ऐसी व्यवस्था जिसमे कोई भी एक कंपनी आपकी किसी भी नुकसान, बीमारी, दुर्घटना या मृत्यु में आपको मुवाब्जा देने की गारंटी देता हो उसे इंश्योरेंस कंपनी कहते है। बीमा का काम हर दुखाद घटना के घटित होने के बाद ही आता है। लेकिन यह हर व्यक्ति के लिए आवश्यक होता है। आपको भी पता है आज के भीड़ भाड़ वाले इलाके में कब क्या हो जाए किसी को नहीं पता। अगर आपने अपने मूल्यवान चीज़ों का इंश्योरेंस किया है तो आपको चिंता करने की ज्यादा जरूरत नहीं होती। क्युकी यह एक बैकअप प्लान कि तरह काम करता है।


बीमा के प्रकार और उसके फायदे 

अब आपको बताते है विभिन्न प्रकार के बीमा और उनके फायदे। ये भी बताएंगे की आपको इसे करवाना चाहिए या नहीं। अलग अलग प्रकार के बीमा जैसे जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और वाहन बीमा के बारे में आपको सम्पूर्ण ज्ञान मिलेगा जितना एक व्यक्ति को रखना चाहिए।


जीवन बीमा:


बीमा क्या है, कितने प्रकार की होती है और उसके फायदे
सुरक्षित परिवार - जीवन बीमा

 जैसा कि यह नाम से है पता लग रहा कि यह हमारे जीवन से रिलेटेड है इस बीमा की खासियत यह है कि इसमें एक व्यक्ति को कुछ निश्चत अमाउंट(रकम) जमा करते रहना होता है। मृत्यु होने के बाद ये रकम मृत व्यक्ति के नॉमिनी को दे दिया जाता है। नॉमिनी उन्हें कहते हैं जिसे अकाउंट होल्डर की मौत के बाद उसके बीमा का पैसे लेने का अधिकार होता है। जब कोई व्यक्ति बीमा करवाता है तो उस समय उससे एक नॉमिनी का फॉर्म भरवाया जाता है और नॉमिनी का डिटेल मांगा जाता है तब जाकर के उसे पैसे लेने का अधिकार मिलता है।

 

जीवन बीमा (लाइफ इंश्योरेंस) मुख्यतः दो प्रकार का होता है - पारंपरिक जीवन बीमा और दूसरी टर्म लाइफ इंश्‍योरेंस। पारंपरिक जीवन बीमा आपके जीवन भर के लिए होती है तो वहीं टर्म लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी एक निश्चित समय के लिए है। टर्म इंश्योरेंस में यदि निश्चित समय के अंदर ही आपकी मृत्यु हो जाती है तो आपके नॉमिनी को पूर्ण रकम दिया जाता है।


टर्म इंश्‍योरेंस एक बहुत ही सरल और सस्‍ता इंश्‍योरेंस प्‍लान है जो कि व्यक्ति को एक निश्चित समय तक सुरक्षा प्रदान करता है। निश्चित समय तक में यदि व्यक्ति को कुछ नहीं हुआ तो बीमा कंपनी उस व्यक्ति का पूरा पैसा वापस कर देगा।



जीवन बीमा के मुख्य फायदे:


  1. वित्तीय सुरक्षा
  2. मन की शांति
  3. टैक्स में बचत
  4. स्थायी जीवन सुरक्षा
  5. आपके निवेश पर मूल्यवान रिटर्न
  6. व्यापार की सुरक्षा


जितना आपको जीवन बीमा के बारे में जानकारी चाहिए वह मैंने बता दिया अधिक जानकारी के लिए आप कोई भी बीमा कंपनी को संपर्क कर सकते हैं वह आपको और बेहत तरीके से समझा देंगे।



स्वास्थ्य बीमा:

 

बीमा क्या है, कितने प्रकार की होती है और उसके फायदे
स्वास्थ बीमा

 बीमा मुख्य रूप से आर्थिक मदद प्रदान करता है और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी बीमाधारक या उन पर आश्रितों को की स्वास्थ्य समस्या, दुर्घटना या मृत्यु आदि की स्थिति में आर्थिक सहायता देता है। इस प्रकार के बीमा में यदि बीमाधारक को कोई गंभीर बीमारी हो जाती है जिसके इलाज में उन्हें बहुत खर्चे आएंगे तो उन्हें बीमा पॉलिसी के तहत उन्हें आर्थिक सहयोग दी जाती है।  


 लेकिन उससे पहले स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदते समय यह जानकारी ले लेनी चाहिये कि क्यों आपको हेल्थ इंश्योरेंस चाहिए। आपको इसके साथ ही ये भी पता करना चाहिए कि आपको कितनी कीमत के बीमा कवर की आवश्यकता है। इसका भी आकलन भी आपको कर लेना चाहिये। बहुत सारे बीमारियों का बीमा होता है तो यह पता करना बहुत जरूरी हो जाता है जब आप गंभीर रोग के लिए बीमा कवर लेना चाहते हैं। जिन लोगों के परिवार में गंभीर बीमारियां अक्सर चली आती हैं, ज्यादा खर्च और लंबे समय तक इलाज की जरूरत पड़ती है, उन्हें बड़ा कवर लेना चाहिए।

 

 कुछ बीमारियां ऐसी होती है जैसे एडवांस स्टेज के कैंसर इसमें व्यक्ति को निजी अस्पताल से इलाज करवाने पर आसानी से लाखों रुपये का खर्च उठाना पड़ता है। ऐसे में केवल एक बड़ा कवर देने वाला इंश्योरेंस कवर ही उपयुक्त है। इसके अलावा अगर व्यक्ति ज्यादा बेहतर इलाज के लिए विदेश जाने कि इक्षा रखता है, तो छोटा या मिड साइज कवर देने वाली बीमा पॉलिसी उसके लिए कभी पर्याप्त नहीं होगी। अंततः उसे बड़ा कवर वाली पॉलिसी लेना पड़ेगा। इन सभी स्थिति में हम कह सकते है, सबसे बेहतर विकल्प एक हाई-वैल्यू हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना ही है।


यदि आप ये सोच रहे हैं कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी करवाने में कितना खर्चा आता है तो मै बता दूं, ये निर्भर करता है लोगों की संख्या पर जिनको आप पॉलिसी के माध्यम से कवर प्रदान करना चाहते हैं। 



स्वास्थ्य बीमा के मुख्य फायदे:


  1. आपात स्थिति में स्वास्थ्य सुरक्षा
  2. मेडिकल खर्च का कवर
  3. टैक्‍स लाभ का फायदा
  4. कैशलेस क्लेम का फायदा
  5. सेविंग्स सुरक्षित रहेगी 


स्वास्थ्य बीमा से जुड़ी अधिक जानकारी पाने के लिए आप किसी भी अच्छी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी प्रदान करने वाली कंपनी से संपर्क कर सकते हैं।


वाहन बीमा:

बीमा क्या है, कितने प्रकार की होती है और उसके फायदे


 यह बीमा आपके वाहनों के हुए नुकसान कि भरपाई करेगी। जैसे यदि आपकी गाड़ी को भीड़भाड़ इलाके से गुजरते वक्त उसमे गंभीर खरोच या ऐक्सिडेंट होने पर उसके बॉडी पर क्षति आई तो इंश्योरेन्स कंपनी उसकी भरपाई करेगा। वाहन बीमा (व्हेकिल इंश्योरेंस) को मोटर इंश्योरेंस या ऑटो इंश्योरेंस भी कहते हैं। यह बीमा कर, मोटरसाइकिल, ट्रक और अन्य सड़कों पर चलनी वाली गाड़ियों के लिए होते हैं। व्हेकिल इंश्योरेंस पॉलिसी में गाड़ी चोरी होने पर भी सहयोग दी जाती है। आपको बता दें कि एक अनिवार्य कार बीमा योजना पहली बार यूनाइटेड किंगडम में सड़क यातायात अधिनियम 1930 के साथ शुरू की गई थी।



आप काफी श्रम कर आटोमोबाईल को खरीदते हैं ताकि आप यात्राओं का आनन्‍द उठा सकें तथा अपनी व्‍यवसायिक जरूरतों को पूरा कर सकें। अनहोनी किसी भी समय पर घटित हो सकती है जिससे काफी नुकसान हो सकता ऐसे में वाहन को क्षति की स्थिति में उसकी मरम्‍मत करवाने तथा चोरी होने पर उसे प्रतिस्‍थापित करने की लागत काफी भारी हो सकती है। अत: उपयुक्‍त विस्‍तारित वाहन बीमा पॉलिसी कवर खरीदना बहुत ही आवश्‍यक हो जाता है। दुर्घटना की स्थिति में मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी आपको मुख्य रूप से दो तरह का कवर देती है, पहला थर्ड पार्टी कवर और दूसरा ओन डैमेज कवर। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क कीजिए।



वाहन बीमा के मुख्य फायदे: 


  1. किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर बचे लोगों को लाभ प्रदान करता है
  2. दुर्घटना में नुकसान के कारण वाहन की मरम्मत के बिल को कवर करता है
  3. एक दुर्घटना के अलावा अन्य की वजह जैसे चोरी, आग इत्यादि से हुए नुकसान के बिल को कवर करता है
  4. नो क्लेम बोनस
  5. अतिरिक्त छूट: कार बीमा पॉलिसियां चोरी करने या एक ही बीमाकर्ता के साथ एक से अधिक पॉलिसी के मालिक होने के लिए प्रीमियम छूट की अनुमति देती हैं।


इस बीमा को वाहन खरीदते वक्त दी जाती है। अपने सुविधा के अनुसार आप खुद से पॉलिसी प्लान चुन सकते हैं। आप चाहें तो अपने नजदीकी शोरूम से पता कर सकते है। ये आपके लिए अत्यावश्यक है क्युकी अनिश्चित घटना जैसे गाड़ी चोरी, कभी भी घट सकती है। बेहतर रहेगा कि यदि कोई इंश्योरेंस पॉलिसी करवा लें।


सारांश


आपके भविष्य को सुरक्षा प्रदान करने का काम बीमा कंपनियां (इंश्योरेंस कंपनियां) करती है। यदि आपने भी इन बेसिक बीमा करवा रखा है तो आपने काफी हद तक अपने परिवार को सुरक्षित कर दिया है, अब आपको निश्चिंत रहना है। अगर आपने अभी तक कोई भी इंश्योरेंस नहीं करवाया तो आपको करवा लेना चाहिए। आपको बता दूं जब आप की नौकरी लगती है, उस समय भी आपको इंश्योरेन्स दिया जाता है। जैसा कि आपने जाना बीमा क्या है, बीमा कितने प्रकार का होता है, जीवन बीमा क्या होता है, जीवन बीमा के मुख्य फायदे, स्वास्थ्य बीमा क्या है, स्वास्थ्य बीमा के मुख्य फायदे और अंत में वाहन बीमा के बारे में और उसके मुख्य फायदे। मैंने ये सारी जानकारी बहुत सारे अलग अलग मुख्य स्त्रोत से इकट्ठा किया है। आपने यह जानकारी यहां से प्राप्त की इस के लिए आपको दिल से धन्यवाद। आप इस जानकारी को अपने प्रियजनों तक अवश्य पहुंचाए और उनके भी भविष्य को सुरक्षित करने में उनका सहयोग करें।

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2020-10-09

रिपब्लिक टीवी पर टीआरपी के साथ खिलवाड़ का आरोप | ट्रेंडिंग ज्ञान

रिपब्लिक टीवी पर टीआरपी के साथ खिलवाड़ का आरोप

मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी पर टीआरपी के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया, अर्नब ने कहा कि कमिश्नर इसे निशाना बना रहे हैं।


मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक और दो अन्य चैनलों पर TRP में हेरफेर करने और विज्ञापन राजस्व हासिल करने के लिए 'प्रमुख रैकेट' में शामिल होने का आरोप लगाया है।

TRP क्या होता है

TRP क्या है? TV TRP full form क्या होता है? मै इसके के बारे में विस्तार से बताने वाला हूँ. अगर आप TV देखते होगे तो आपने TRP के बारे में अवश्य ही सुना होगा। हम सभी जानते है India में 250 से भी ज्यादा TV Channels प्रकाशित होते हैं और हर घर में जितने भी लोग होते है सभी अपने हिसाब से अपना मनपसंद channel देखना पसंद करते है। तो ऐसे में बात उठती है कि आखिर टीआरपी क्या होती है


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News Anchor Arnab Goshwami


TRP का फूल फॉर्म Television Rating Point होता है। इसके जरिए ये पता लगाया जा सकता है की आप कौन से चैनल ज्यादा देखते हैं और किसी मौजूदा समय में कितने लोग किस चैनल को सबसे ज्यादा देख रहे हैं। TRP के द्वारा Television Show की प्रशिद्धता मापी जाती है और पता लगाया जाता है कि लोग उसे दिन में कितने बार और कितने समय के लिए देखे रहे है।


Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh addresses the media in Mumbai on October 8, 2020. | Photo Credit: Emmanual Yogini
Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh addresses the media in Mumbai on October 8, 2020. | Photo Credit: Emmanual Yogini


मुंबई पुलिस ने आरोप लगाया कि अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी ने अपने विज्ञापन राजस्व को बढ़ाने के लिए टेलीविज़न रेटिंग अंक (टीआरपी) के आंकड़ों में हेरफेर किया है।

रिपब्लिक टीवी - 2017 में गोस्वामी द्वारा शुरू किया गया एक अंग्रेजी समाचार चैनल - उद्योग निकाय ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) द्वारा साप्ताहिक रूप से जारी किए गए व्यूअरशिप चार्ट में लगातार टॉप पर रहा है क्योंकि यह स्क्रीन पर हिट करता है।

यहां तक ​​कि रिपब्लिक भारत - समूह का हिंदी समाचार चैनल पिछले साल लॉन्च किया गया था, जिसने हिंदी समाचार शैली में BARC के TRP चार्ट में पहला स्थान प्राप्त किया है।

हालांकि ये सारा बढ़ोतरी स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या के बाद से ही होने लगी थी। ऐसा भी सुनने में आया है की रिपब्लिक भारत ने अपने ऑडिएंस को सिर्फ और सिर्फ राजपूत के आत्महत्या से जुड़े ही रिपोर्ट दिखाया करते थे। ऐसे अगर यूट्यूब पर भी बात करें तो आज बहुत सारे युट्यूबर्स के नाम सामने आएंगे जिन्होंने सिर्फ और सिर्फ स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत के नाम से करोड़ों व्यूज और लाखों सब्सक्राइबर्स का इजाफा किए है।

आपको बता दें कि मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने दर्शकों के डेटा में हेरफेर करने के लिए रिपब्लिक और दो अन्य चैनलों, फेकट मराठी और बॉक्स सिनेमा को "प्रमुख रैकेट" में शामिल होने का आरोप लगाया है।

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मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस ने पहले ही कुछ गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें अन्य दो चैनलों के मालिक भी शामिल हैं, और अधिक लोगों से पूछताछ करने की प्रक्रिया में है।

आयुक्त ने कहा, "अगर जरूरत हुई तो हम रिपब्लिक टीवी के मालिकों, प्रमोटरों और निदेशकों को भी पूछताछ के लिए बुला सकते हैं।"

रिपब्लिक टीवी का स्वामित्व और प्रबंधन ARG Outlier Media Asianet News Private Limited द्वारा किया जाता है, जो SARG Media Holding Private Limited की एक सहायक कंपनी है, जिसमें से अर्णब और उनकी पत्नी Samyabrata गोस्वामी सह-संस्थापक और प्रमोटर हैं, और उनके स्वयं के 93 प्रतिशत शेयर हैं। 

रिपब्लिक टीवी ने अर्नब गोस्वामी की ओर से एक बयान में आरोपों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि सिंह इसके खिलाफ झूठे आरोप लगा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या से मौत की जांच के संबंध में उनसे "पूछताछ" की है।

इस बीच, BARC इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा: “संदिग्ध पैनल होम घुसपैठ के हमारे पिछले सभी मामलों में, BARC इंडिया अपने स्थापित सतर्कता और अनुशासनात्मक दिशानिर्देशों का पालन करना जारी रखता है। BARC अपने उद्देश्य के लिए सही और ईमानदारी से 'भारत क्या देखता है' रिपोर्ट करने के लिए लगातार सच है। BARC इंडिया मुंबई पुलिस के प्रयासों की सराहना करता है और इसके लिए कहा गया समर्थन प्रदान करेगा।”


क्या है फर्जी टीआरपी मामला?

‘फेक टीआरपी’ इस साल जुलाई में जांच के दायरे में आया, जब न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने BARC द्वारा जारी आंकड़ों पर सवाल उठाया था। इसने हिंदी समाचार चैनल TV9 Bharatvarsh के खिलाफ BARC डेटा में हेरफेर का हवाला देते हुए शिकायत दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि TV9 Bharatvarsh और BARC के बीच चैनल की बढ़ी हुई रेटिंग "भ्रष्टाचार और मिलीभगत" का परिणाम हो सकती है। चैनल ने आरोपों से इनकार किया था। तब से मामले को सुलझा लिया गया है।

News Channel TRP


अब, रिपब्लिक टीवी मामले में, मुंबई पुलिस का कहना है कि BARC ने उपभोक्ताओं के घरों में बैरोमीटर स्थापित करने के लिए ‘हंसा’ नामक एक फर्म की सगाई की है, ताकि उनकी टीआरपी की गणना की जा सके। प्रासंगिकता यह है कि टीआरपी चैनलों के लिए विज्ञापन दरों का निर्धारण करती है।

कमिश्नर सिंह ने कहा, "देश भर में लगभग 30,000 बैरोमीटर स्थापित हैं, जिनमें से लगभग 2,000 अकेले मुंबई में हैं।" इसी से टीआरपी का पता लगाया जाता है।

 "जांच के दौरान हमने पाया कि हंसा के कुछ कर्मचारी इस डेटा से छेड़छाड़ कर रहे थे। वे इसे टेलीविजन चैनलों के साथ साझा कर रहे थे और कुछ घरों में इसकी टीआरपी को बढ़ाने के लिए एक विशेष चैनल को रखने के लिए भुगतान किया जा रहा था, भले ही वे इसे देख रहे हों, ”उन्होंने कहा।

"BARC द्वारा प्रस्तुत विश्लेषणात्मक रिपोर्ट के अनुसार, रिपब्लिक टीवी के मामले में संदिग्ध रुझान देखे जा सकते हैं।"

सिंह ने कहा कि मामूली हेरफेर भी विज्ञापन राजस्व को सैकड़ों करोड़ तक प्रभावित कर सकता है, और यह कि मुंबई पुलिस यह देखेगी कि क्या इस तरह के हेरफेर के माध्यम से प्राप्त विज्ञापन राजस्व को 'अपराध की आय' के रूप में परीक्षण किया जाना है।

"हम उन विज्ञापनदाताओं से भी सवाल करेंगे जिनके द्वारा इस तरह के राजस्व को प्राप्त किया गया है, और अगर ये वास्तव में अपराध की आय हैं, तो हम राशि को जब्त कर सकते हैं और खाते को फ्रीज कर सकते हैं," उन्होंने कहा।

अब तक, मुंबई पुलिस ने BARC और हंसा से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उन पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है जो विश्वास भंग करने और धोखाधड़ी करने से संबंधित हैं। उनके पास से 20 लाख रुपये बरामद किए गए, जिसमें उनके बैक अकाउंट से 8.5 लाख रुपये अतिरिक्त जब्त किए गए।

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Fakt Marathi और Box Cinema के मालिकों को भी गिरफ्तार किया गया है, जबकि क्राइम ब्रांच ने कई ग्राहकों से पूछताछ की है जिन्हें कथित तौर पर अन्य चैनल देखने के लिए पैसे मिलते थे।

आयुक्त ने यह भी कहा कि कुछ गवाह आगे आए हैं, जिसमें कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों द्वारा मासिक मौद्रिक विचार और "प्रेरित" का वादा किया गया था।


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 TRP से कैसे कमाई होती है

आपको यह जरुर मालूम होना चाहिए कि जिस चैनल की टीआरपी सबसे ज्यादा होती है वो चैनल अपने शो में विज्ञापन (प्रचार) लगाने के ज्यादा पैसे लेते हैं। अर्थात विज्ञापन वाले कंपनियां ज्यादा टीआरपी वाले चैनल्स को ज्यादा पैसा देती है और जीतने भी टीवी चैनल्स हैं इनकी कमाई इन्हीं विज्ञापनों से होती है।

आशा करता हूं यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। अगर अच्छी लगी तो इस जरुर शेयर करें। और अपनी राय नीचे कॉमेंट बॉक्स में जरुर दें।

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News source: theprint.in

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