Independence day Poem in Hindi
Hello friends, finally we are on 💯 posts and on this independence day i have written a poem on this patriotic day. The day when new India emerged. After all you all know better about 15 August so, I move to the point which is Hindi poem on Independence day.
Independence day Poem in Hindi |
यह है मेरे वतन की कहानी , मेरी खुद की ज़ुबानी,
एकता जिसकी जान है , पर भिभिंता इसकी पहचान है।
अरदास की आवाज के साथ जुड़ी हुई अज़ान है,
यही श्मशान है तो यही कब्रिस्तान है,
खुशनसीब है वो को बसा हिन्दुस्तान है।।
कहकर खुद को भारतीय , होता है मुझे गर्व,
मै उस देश का वासी हूं , जहां हर रोज़ होता है एक पर्व।
भले ही मेरा भारत अब हो गया है इंडिया,
पर आज भी यहां फूड़ते है माखन कि कई हांडिया।
Hindi poem on Independence day |
पड़ोसी की जहां करते है खातिरदारी,
जो विरुद्ध इसके करते है साझेदारी।
करके सर्जिकल स्ट्राइक एक को दिखाई उसकी औकात,
दो दूसरे को दी थी मुक्केबाजी में हर की सौगात।
जिसकी ताकत से ना कोई अब दूजा अनजान है,
खुशनसीब है वो को बसा हिन्दुस्तान है।।
करने में जिसको सबका विफल रहा प्रयास,
मंगल पर जाकर इसने रच दिया इतिहास।
माना की अब उड़ने लगे है था डेंगू and मलरिया,
पर मेरा भारत ही था कभी सोने की चिड़िया।
आजाद कराने में जिसको दिए कितनी ने बलिदान है,
खुशनसीब है वो जो बसा हिन्दुस्तान है।।
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Such a wonderful poem... It was really a very good poetry...
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